उत्तराखंड: ऐपण कला से बबीता ने बनाई पहचान,लॉकडाउन ने पूरी तरह बदल दिया करियर

हल्द्वानी: पिछले कुछ वक्त में उत्तराखंड के युवाओं में स्वरोजगार करने का जुनून बढ़ा है। सभी क्षेत्रों में युवा लगातार अच्छा काम कर रहे हैं और पहचान स्थापित कर रहे हैं। सबसे अहम की वह स्थानीय लोगों को काम भी दे पा रहे हैं और पलायन को मात देने के लिए यह सबसे बेहतरीन हथियार है। Thebetteruttarakhand आप लोगों के सामने ऐसी ही कहानियां लेकर आता हो जो राज्य के लोगों को प्रेरित करें।

कला के क्षेत्र में महिलाएं काफी अच्छा काम कर रही हैं। उत्तराखंड में कला की बात होती है तो ऐपण का नाम सबसे पहले आता है। सदियों से उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की शोभा बढ़ा रही ऐपण आर्ट अब महानगरों में भी नाम कमा रही हैं। इसे सीखने के लिए शहर के लोग काफी रूचि ले रहे हैं। रुद्रपुर आदर्श कॉलोनी नई घास मंडी निवासी बबीता सुनोरी भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं और अपनी पहचान स्थापित कर रही हैं। हीरा बल्लभ सुनोरी और चम्पा सुनोरी की पुत्री बबीता सुनौरी को बचपन से आर्ट्स में रूचि रही है।

पहले तो वह इसे शौकियां तौर पर किया करती थी लेकिन बाद में उन्होंने इसी में करियर बनाने का फैसला किया। बबीता ने सबसे पहले मंडाला आर्ट्स से शुरुआत की और अब वह ऐपण कला में काम कर रही हैं। उनके द्वारा बनाए गए डिजाइन केवल भारत में हीं बल्कि विदेशों में भी लोगों को पसंद कर रहे हैं। बबीता ऐपण डिजाइन में बनी नेम प्लेट भी बना रही हैं। उन्होंने पूजा चौकी, ऐपण फोटो फ्रेम, राखी, कार हेंगिंग, तोरन भी बनाएं हैं और ग्राहक उनसे लगातार ऐपण से बने प्रोडक्ट खरीद रहे हैं।

Thebetteruttarakhand को बबीता ने बताया कि कला उन्हें बचपन से पसंद थी। पहले जब वक्त मिलता था वह इसपर काम करती हैं लेकिन उनका ये शौक करियर बन जाएगा, ये सोचा नहीं था। सबसे पहले उनसे किसी ग्राहक ने तोरण ही खरीदा था। शिक्षा की बात करें तो बबिता ने सरदार भगत सिंह राजकीय कॉलेज से BSC  की है। इसके बाद वह टीचिंग के क्षेत्र में थी। लॉकडाउन के चलते उन्हें अपनी रूचि को निखारने का मौका मिला और फिर वह इसी क्षेत्र से जुड़ गई। इस दौरान उन्होंने कई WORKSHOP ली और प्रतियोगिता में भाग लिया।

बबीता की मानें तो हर व्यक्ति को कुछ पसंद होता है। उस पर काम करना चाहिए… कब वह पसंद करियर बन जाएगा… किसे पता… बबीता ने अपने परिश्रम से रुद्रपुर में काफी नाम कमाया है। बबीता चाहती हैं कि इस क्षेत्र में वह लगातार काम करें और अगर कोई ऐपण आर्ट सिखना चाहता है तो वह निशुल्क सीखाना चाहेंगी। Thebetteruttarakhand की ओर से बबीता को हार्दिक शुभकामनाएं। हम चाहते हैं कि बबीता की कहानी से कई युवा प्रेरित हों और अपना काम कर पहचान बनाए।

The Better Uttarakhand Desk

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One thought on “उत्तराखंड: ऐपण कला से बबीता ने बनाई पहचान,लॉकडाउन ने पूरी तरह बदल दिया करियर

  1. Suraj 08 Aug, 2021 at 7:28 am

    Congratulations

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