बागेश्वर: भगवान बागनाथ की धरती ने देश को कई खिलाड़ी दिए हैं। क्रिकेट की बात करें तो मनीष पांडे और कमलेश नगरकोटी बागेश्वर जिले के ही रहने वाले हैं। दोनों ने अपने काम से जिले का नाम भी रौशन किया है। मनीष पांडे आईपीएल में पहला शतक जमाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। वहीं कमलेश नगरकोटी ने साल 2018 अंडर-19 विश्वकप में अपनी गति से सभी को प्रभावित किया। बागेश्वर ने देश को केवल क्रिकेटर ही नहीं बल्कि फुटबॉल खिलाड़ी भी दिया है, नाम है रोहित दानू…
रोहित दानू भारतीय अंडर 14, 15, 16 और 17 टीम से खेल चुके हैं, फिलहाल वह भारतीय अंडर-19 टीम के सदस्य हैं। सेंटर फॉरवर्ड रोहित ने अपने गेम से कई लोगों को प्रभावित किया है। उनके भाई हिमांशु दानू भी हल्द्वानी में बतौर फुटबॉल खिलाड़ी नाम कमा चुके हैं। साल 2017 में बागेश्वर के सुरजकुंड निवासी रोहित दानू का चयन फीफा अंडर-17 विश्वकप में हुआ था। रोहित को उनके कोच नीरज पांडेय निखारा।
गुरू की बदौलत ही शिष्य रोहित पूरे देश में नाम कमा रहा है। रोहित दानू इंडियन सुपर लीग का भी हिस्सा हैं। उन्हें हैदराबाद एफसी ने अपने साथ जोड़ा है। रोहित अपनी कामयाबी का श्रेय कोच नीरज पांडेय को देते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बागेश्वर के फुटबल खिलाड़ी धीरेंद्र परिहार ने भी उन्हें काफी सहयोग किया है।
रोहित दानू का संघर्ष 10 साल की उम्र से शुरू हो गया है। रोहित के लिए अच्छा ये रहा कि परिवार की ओर से उसे पहले से ही सपोर्ट मिलता रहा। पिता प्रताप सिंह दानू और मां गंगा दानू ने अपने बेटे के सपने को पंख देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। एक प्रतिभा को एक पहचना की जरूरत होती है जो रोहित को छोटी उम्र में परिवार से मिली। उसके बाद रोहित का जादू फुटबॉल में चलने लगा। मात्र 13 साल की उम्र में रोहित ने उत्तराखण्ड फुटबॉल टीम में जगह बनाई। अपने पहले ही मैच में उन्होंने अपनी जादुई स्किल का लोहा मनवाया और उन्हें विदेशों में खेलने का मौका मिलने लगा। पूरा उत्तराखंड उम्मीद कर रहा है रोहित अपने खेल से विदेश में भी छाए और भारत में युवाओं को फुटबॉल में करियर बनाने के लिए रास्ता दिखाए।