देहरादून: वोकल फॉर लोकल का नारा भले ही सरकार ने दिया हो लेकिन इसकी शुरुआत उत्तराखंड कुछ साल पहले हो गई थी। उत्तराखंड में साल 2016 के बाद से एक बदलाव देखने को मिला है। युवाओं में अपना काम शुरू करने की ललक देखने को मिल रही है। वह अपने लिए काम करना चाहते हैं और नाम कमाना चाहते हैं। इस दिशा में महिलाएं भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में तो शायद ही कोई काम हो जो महिलाओं के बिना हो पाए। पिछले कुछ वक्त से हम आपके पास इसी तरह की स्टोरी लेकर आ रहे हैं। युवा खुद के अलावा कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। स्टार्टअप से जुड़ने वालों में वह लोग अधिक हैं जिन्होंने कुछ वक्त पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी की है। ये दिखाता है कि उत्तराखंड का युवा सही रास्ते पर है। उसे युवा अवस्था में ही अपनी मंजिल दिखाई दे रही है। हां वह फेल भी हो सकता है लेकिन उस रास्ते पर चलकर उसे जो अनुभव प्राप्त होगा वह किसी पूंजी से कम नहीं है।

आज हम देहरादून की शैफाली गुरू की कहानी आपके बीच लेकर आए है। एक छोटी सी शुरुआत ने शैफाली को देहरादून में पहचान दे दी। वह एक मॉर्डन होम डेकॉर हैं। देहरादून निवासी शैफाली ने साल 2018 में अपनी रूचि को वक्त देने का फैसला किया ।उन्होंने घर में सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्रीम कैचर की फोटो देखी। आर्ट्स में उनकी रूचि थी तो उन्होंने उसे बनाने का सोचा। सबसे पहले उन्होंने एक कीरिंग बनाया। एक छल्ले से शुरुआत करने वाले शैफाली सैंकड़ों ड्रीम कैचर ग्राहकों तक पहुंचा चुकी हैं। वह देहरादून व अन्य स्थान पर होने वाली प्रदर्शनी में भाग लेती है और अपने हुनर को लोगों के सामने पेश करती है। पढ़ाई की बात करें तो शैफाली ने डीएवी देहरादून में बीकॉम किया है लेकिन अपनी रूचि को फॉलो करने के फैसले के बाद वह केवल 18 साल की उम्र से कमाई कर रही है। उनके इस काम में उनकी मां मदद करती है।

शैफाली द्वारा बनाए डिजाइन सोशल मीडिया के जरिए ऑर्डर किए जा सकते हैं। वह ड्रीम कैचर, हुप्स, फ्रिगडे मैगनेट, पोटली, कीरिंग बनाती हैं। शैफाली की मानें तो वह चाहती है कि उनके डिजाइन हर घर तक पहुंचे। महिलाएं घर को सजाने का काम करती हैं और इसके लिए उनके डिजाइन हर किसी को देखते हुए बनाए जाते हैं। उन्हें खुशी हैं कि वह इस क्षेत्र से जुड़ी हैं जहां उनकी पहचान उनके काम के वजह से है। हर दिन कुछ नया सिखने को मिलता है। ग्राहक आपकों काफी कुछ आइडिया देते हैं लेकिन इसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। अगर काम में कुछ कमी तो बहाना बनाने के बजाए उसमें सुधार होना चाहिए।
