हल्द्वानी: कुछ अलग करने वाले ही अपनी पहचान अलग तरीके से स्थापित कर पाते हैं। महानगरों में एजुकेशन टेक को एक आधुनिक स्टार्टअप के रूप में देखा जाता है। यह स्टार्टअप घर बैठे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करता है। महानगरों में इंटरनेट व्यवस्था भी शानदार है। क्या आप सोच सकते हैं कि उत्तराखंड में लोग अपनी जॉब छोड़कर इस क्षेत्र में उतर सकते हैं… उनका मकसद उत्तराखंड से अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन की समस्या को समाप्त करना है। नैनीताल जिले में दो शिक्षकों ने इस क्षेत्र में काम करने का फैसला किया है। काम शुरू करने के कुछ वक्त बाद उन्हें राज्य सरकार ने सम्मान भी दिया।

साल जनवरी 2016 में दीपक पन्त और उनके कुछ साथी शिक्षकों द्वारा एक कोचिंग सेण्टर ‘वेदश्री एकेडमी’ के रूप में हल्द्वानी में की गयी। दीपक पन्त उस समय आम्रपाली ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटयूट में कार्यरत थे। कोचिंग क्लासेज की सफलता को देखते हुए दीपक ने अप्रैल 2017 में एक यूट्यूब चैनल ‘गुरूजी उत्तराखंडी’ खोला। उन्होंने उत्तराखंड में होने वाली सरकारी नौकरियों और उनकी तैयारी कैसे करें? इस बारे में बताना शुरू किया, धीरे धीरे इस चैनल पर और भी टीचर जुड़ने लगे और आज इस चैनल के साथ 12 टीचर और 55000 से अधिक विद्यार्थी जुड़ें हुए हैं|
दीपक पन्त को उत्तराखंड की समस्याओं के बारे में समझ आने लगा। उन्होंने अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन की समस्याओं को समाप्त करने का फैसला किया। इसके लिए दीपक बहुत लोगों से मिले। इसी बीच उनकी मुलाकात आम्रपाली के ही एक और टीचर आशीष सक्सेना से हुई और फिर इन दोनों ने मिलकर 15 मार्च 2018 में वेदाश्री लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड की शुरुवात की। वेदश्री लेर्निंग का मिशन उत्तराखंड से अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन की समस्या को समाप्त करना है। अभी इस कंपनी में दो संस्थापक सदस्यों के साथ 4 कर्मचारी और 12 टीचर काम करते हैं।

वर्तमान में ‘गुरूजी उत्तराखंडी’ के अलावा भी वेदश्री लर्निंग के और भी यूट्यूब चैनल्स हैं और साथ में हल्द्वानी के अन्य कोचिंग के यू-ट्यूब चैनल भी मैनेज करते हैं | कंपनी के प्रयासों को सराहते हुए फरवरी 2020 में इन्हें उत्तराखंड सरकार के स्टार्टअप चैलेंज 2019 के अंतर्गत टॉप 10 स्टार्टअप में भी स्थान मिला, साथ में 50,000 रुपए की विजेता राशि भी दी गयी ।
पहले लॉक डाउन 2020 के समय वेदाश्री ने अपना एप भी बनाया जिसमे बहुत ही कम समय में 6000 से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। वर्तमान में वेदाश्री लर्निंग एप के माध्यम से उत्तराखंड के साथ साथ देश भर के छात्र सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व में कई छात्रों का चयन विभिन्न सरकारी नौकरियों में हो चुका है। इसके साथ साथ दीपक पन्त और उनके साथी शिक्षक अरुण गुप्ता वेदश्री एकेडमी के माध्यम से उत्तराखंड में कुछ NGO के साथ मिलकर उत्तराखंड के गरीब बच्चों को भी उच्च स्तर की शिक्षा दे रही है, टीम वेदश्री का स्लोगन है “अब एक बच्चे की फीस में पूरे गाँव को पढाईए”…

टीम का मानना है कि अगर उन्हें उत्तराखंड में काम करने वाले कुछ NGO का या ग्राम प्रधानो का या अन्य प्रबुद्ध सामाजिक लोगों का साथ मिला तो वो हल्द्वानी में रहकर ही उत्तराखंड के प्रत्येक बच्चे को पढा सकते हैं। इसके लिए उन लोगों को एक गाँव से केवल एक बच्चे की फीस देनी होगी।टीम ने यह काम ग्राम सीम (पो धनियाकोट, जिला नैनीताल) में कार्यरत हैप्पी चिल्ड्रेन लाइब्रेरी और बेतालघाट स्थित बेतालेश्वर सेवा समिति के साथ मिलकर सफलतापूर्वक कर लिया है|। टीम का कहना है कि टेक्नोलॉजी और अन्य लोगों को साथ जोड़कर उत्तराखंड से अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन की समस्या को समाप्त किया जा सकता है|