हल्द्वानी: पहाड़ की हवा लोगों को पहाड़ की तरफ खींच ही लाती है। पहाड़ों के निवासी तो वैसे भी कभी इस हवा से जुदा नहीं हो पाते। पहाड़ी हवा, संस्कृति और यहां के खानपान को आगे बढ़ाने के लिए युवा क्या कुछ नहीं कर रहे हैं। पहाड़ के ही एक कपल ने हल्द्वानी काठगोदाम में स्टार्टअप शुरू किया है। जिससे ना सिर्फ उन्हें रोजगार मिल रहा है बल्कि लोग पहाड़ के नजदीक आ रहे हैं।
लमगड़ा के मूल निवासी विनय बिष्ट ने अपनी पत्नी शिवानी बिष्ट के साथ एक सपना ना सिर्फ देखा, उसे पूरा करने में जी जान भी लगा दी। विनय और शिवानी ने पहाड़ी व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए यूके-04 नामक रेट्रो कैफे शुरू किया है। पहाड़ी परिवेश से परिपूर्ण ये रेस्ट्रो पहाड़ों से जरूर निकला है लेकिन इसका आइडिया मुंबई में चार सालों के संघर्ष से आया है।
दरअसल फिलहाल हल्द्वानी मोतीनगर में रह रहे विनय बिष्ट और शिवानी बिष्ट दोनों को ही रेस्ट्रो चलाने में खासा अनुभव है। उन्होंने मुंबई में रहकर चार साल तक रेस्ट्रो चलाया है। लेकिन कोरोना महामारी ने उनके कारोबार को चौपट कर दिया। खास बात ये है कि विनय और शिवानी मुंबई में भी पहाड़ को भूले नहीं थे। वहां भी वे पहाड़ी व्यंजनों जैसे मडुवे आदि के खाने को लोगों की थाली में परोस रहे थे।
बहरहाल कोरोना काल के कारण इस कपल को वापिस उत्तराखंड आना पड़ा। इस बार दोनों ने ठान लिया था कि अब उत्तराखंड में रहकर उत्तराखंड के लिए ही काम करना है। इसी के साथ दोनों ने पहाड़ी व्यंजनों को यहां आने वाले पर्यटकों तक पहंचाने के संकल्प के साथ रेस्ट्रो खोलने का मन बनाया।
तमाम तरह के अध्य्यन करने के बाद विनय बिष्ट और शिवानी बिष्ट ने जनवरी 2021 में काठगोदाम में जगह खोज कर रेट्रो कैफे तैयार किया। बता दें कि इसे पहले तो पूरे पहाड़ी घरेलू लुक में ढाला गया है। दूसरी बात ये कि रेस्ट्रो में रॉ मेटेरियल का इस्तेमाल अधिक किया गया है। बता दें कि अब लोग यहां आकर पहाड़ों के मजे भी ले सकते हैं और साथ ही पहाड़ी स्वादिष्ट व सेहतमंद भोजन भी चख सकते हैं।
अगस्त में ग्राहकों के लिए खोला गया ये कैफे अब लोगों के दिलों में जगह बना रहा है। हल्द्वानी से पहाड़ी क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी ये खूब भा रहा है। शिवानी और विनय ने मेन्यू में मडुवे के पकवानों जैसे मडुवे के पिज्जा और मडुवे के मोमो को जगह दी है। इतना ही नहीं बल्कि यहां एक स्पेशल कुल्हड़ पिज्जा की शुरुआत भी हुई है।
बता दें कि चाय और कॉफी में पहाड़ के अंदाज में कुछ एक दर्जन से ज्यादा वैरायटी रखी गई है। लाजमी है कि इस कपल ने रेस्ट्रो के आइडिए को जमीन पर लाने के लिए काफी संघर्ष किया है। लेकिन दोनों का हमेशा एक दूसरे के साथ रहना, एक दूसरे का हाथ बंटाना, इस पार्टनरशिप और रिलेशनशिप को अधिक खूबसूरत बनाता है।
स्टार्टअप को लेकर कपल का मानना है कि कुमाऊं की लाइफलान होने के नाते हल्द्वानी में पहाड़ी खाने को आगे बढ़ाना जरूरी है। ये काम करना हमें अलग ही ऊर्जा देता है। लाजमी है कि अधिकतर युवा अब मडुवे के बारे में जान सकेंगे। फास्ट फूड के साथ मडुवे का फ्यूजन लोगों को पसंद आना ही है।
कपल ने बताया कि पहाड़ी खाना किसी की हेल्थ पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालेगा। मडुवे के व्यंजनों के अलावा कैफे में म्यूजिकल थीम भी है। बताया कि आने वाले दिनों में हम मडुवे के अन्य व्यंजन जैसे सैंडविच, कॉफी, शेक्स, बुरांश का जूस आदि भी लांच करने जा रहे हैं।