देहरादून: देवभूमि के बच्चे केवल पढ़ाई और स्टार्टअप्स में ही नही बल्कि एडवंचर स्पोर्ट्स में भी आगे बढ़ रहे हैं। बेटियों ने खासतौर पर इस क्षेत्र में नाम कमाया है। इसी क्रम में आज हम उत्तरकाशी जिले की अनामिका बिष्ट के बारे में बताएंगे जिन्होंने कुछ दिन पहले यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर सफल आरोहण किया है। माउंट एलब्रुस की ऊंचाई 5642 मीटर है।
अनामिका बिष्ट उत्तरकाशी के बरसाली गांव की रहने वाली हैं। उन्हें बचपन से ही ट्रैकिंग का शौक था। अपनी बेटी की रूचि को पिता अनिल सिंह बिष्ट और मां विजय लक्ष्मी बिष्ट ने हर वक्त सहयोग किया। अनामिका बिष्ट माउंट एलब्रुस के फतेह करने के लिए सात सदस्यों की टीम के साथ 15 अगस्त को उत्तरकाशी से रवाना हुई थी। सभी लोग 17 अगस्त को मास्को पहुंचे।
उन्हें मास्को से माउंट एलब्रुस चोटी के बेस कैंप तक जाने में दो दिन का समय लगा। यह बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने 20 अगस्त से लेकर 23 अगस्त तक उन्होंने बेस कैंप क्षेत्र में अभ्यास किया और समिट कैंप पहुंचे। अनामिका ने 24 अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे उन्होंने दो अन्य साथियों दिल्ली निवासी लेफ्टिनेंट रोमिल और बेंगलूरू निवासी गायत्री के साथ सफल आरोहण किया।
वहां का मौसम अनुकूल काफी खराब था और इस वजह से उनके 4 साथी माउंट एलब्रुस फतेह नहीं कर पाए। वहां माइनस 20 डिग्री तापमान और 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवाओं के बीच आरोहण करना सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण था। उत्तराखंड की बेटी ने इस चुनौती को पार कर राज्य के लाखों युवाओं को प्रेरित किया है।
अनामिका ने पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स निम उत्तरकाशी से किया, जबकि एडवांस कोर्स हिमालय पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिग, सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स निम से किया है। निम के साथ उन्होंने अटल अभियान के तहत गोमुख क्षेत्र की अनाम चोटियों का भी आरोहण किया। अनामिका की कामयाबी के बाद सफल आरोहण को लेकर यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने अनामिका को बधाई दी है।