नई दिल्ली: देश में भारतीय महिला क्रिकेट साल 2017 में विख्यात हुआ। टीम इंडिया ने विश्वकप फाइनल में जगह बनाई थी। टीम आखिरी लाइन पार नहीं कर पाई लेकिन उसने अपने उदय की कहानी शानदार तरीके से लिखी। इससे पहले भी भारत ने साल 2004 महिला विश्वकप फाइनल में जगह बनाई थी।
साल 2017 के बाद महिला टीम ने साल 2020 में खेले गए टी-20 विश्वकप में भी फाइनल तक का सफर तय किया। भारतीय क्रिकेट का परिचय देने का काम मिताली राज ने किया है। झूलन गोस्वामी भी उनमें से एक हैं। इससे पहले भी कई शानदार खिलाड़ी भारत के लिए खेले हैं लेकिन इन खिलाड़ियों ने भारतीय को सीखते देखा है और अब उसे कामयाबी तक लेकर आए हैं। दोनों ही खिलाड़ी विश्वकप जीतना चाहते हैं।
भारत में क्रिकेट की बात होती है तो पुरुष क्रिकेट का नाम पहले आता है लेकिन महिला क्रिकेट कभी भी पीछे नहीं रहा है। वनडे क्रिकेट में पहले दोहरा शतक सचिन तेंदुलकर के बल्ले से नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क के बल्ले से आया था। उन्होंने 1997 में डेनमार्क के खिलाफ 239 रनों की पारी खेली थी।
इसी तरह बतौर भारतीय टी-20 में हैट्रिक पुरुष ने नहीं बल्कि महिला ने हासिल की है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिला निवासी एकता बिष्ट ने साल 2012 श्रीलंका के खिलाफ ये कारनामा किया था। दीपक चहर ने टी-20 में हैट्रिक 7 साल बाद ली थी। उन्होंने ये रिकॉर्ड बांग्लादेश (नागपुर) के खिलाफ साल 2019 साल में हासिल किया था। बात एकता बिष्ट की करें तो वह भारत के लिए साल 2011 से क्रिकेट खेल रही हैं।
एकता बिष्ट काशीपुर में अभ्यास करती हैं। वो अपनी कामयाबी का श्रेय अपने कोच लियाकत अली को देती हैं। वह कहती हैं कि सर ने मेरा साथ कभी नहीं छोड़ा। मेरे अच्छे और बुरे दोनों वक्त में वह मेरे साथ रहे हैं। उन्होंने मुझे हमेशा पहले की तरह ट्रिट किया है। आज भी दौरा शुरू होने से पहले वह रुपए के लिए पूछते हैं। एकता ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उत्तराखंड घरेलू क्रिकेट में हिस्सा ले रहा है। वह चाहती हैं कि क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले वह उत्तराखंड क्रिकेट की भी सेवा करें।