नई दिल्ली/सोर्स: स्वरोजगार मॉडल, भारत की मॉर्डन सोच का हिस्सा है। अपना काम शुरू करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार शुरू करना किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस तरह से कई लोगों के लिए रोजगार के दरवाजे खुलते हैं। उत्तराखंड के निवासी केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्वरोजगार कर रहे हैं। आज हम आपकों केरन पंत ( keran pant uttarakhand) के बारे में बताएंगे, जिन्होंने पिथौरागढ़ से निकलकर ऑस्ट्रेलिया में अपना व्यवसाह शुरू किया। केरन आज ऑस्ट्रेलिया में होटल का संचालन कर रही हैं। वह पिछले 10 सालों से वहीं है। इसके अलावा उन्हें किताबे लिखने का भी शौक है।
पिथौरागढ़ जिले के चिटकल गांव की रहने वाली केरन पंत ( keran pant pithoragarh uttarakhand) के पिता नेवी में थे। केरन की पढ़ाई दिल्ली में हुई। पहले उन्होंने फिजियोथेरेपी किया और फिर एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की। उन्होंने कई मल्टीनेशनल कंपनियों में अपनी सेवा दी।
साल 2012 में केरन की शादी लुधियाना के दीपक जोशी से हुई, जो ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं। शादी के बाद केरन (( keran pant australia) ऑस्ट्रेलिया चले गई। बेटी देश में अव्वल रही थी तो विदेश में कैसे पीछे रहती। उन्होंने होटल का व्यवसाय शुरू किया। विदेश में उन्होंने अपनी कमाई के साथ दूसरों की कमाई का भी रास्ता खोला। ऑस्ट्रेलिया में होटल खोलना बिल्कुल भी आसान नहीं था। वह कहती हैं कि परेशानियों से पार पाकर ही कामयाबी मिलती है। यही वजह रही कि आज वह होटल का सफल संचालन कर रही हैं।
पिथौरागढ़ की बेटी होटल संचालन के अलावा एक लेखिका भी हैं। वह अबतक 3 पुस्तकें लिख चुकी हैं। उनकी किताबों में उत्तराखंड कनेक्शन रहता है। केरन की एक किताब इट्स फॉलोज़ यू में कई सारी कहानियां हैं। केरन अपनी चौथी किताब पर काम कर रही हैं। वहीं कुछ वक्त पहले उन्होंने देहरादून में आयोजित हुए लिटरेचर फेस्टिवल में भी शिरकत की थी।