हल्द्वानी: पहाड़ी खाने की बात सिर्फ इसलिए अलग नहीं होती कि यह खाना स्वादिष्ट होता है। बल्कि पहाड़ी खाने में पौष्टिक तत्व भी उतनी ही अधिक मात्रा में होते हैं। पहाड़ी इंसान देश के चाहे किसी भी कोने में चले जाए। लेकिन वह अपने पहाड़ी परिवेश, पहाड़ की संस्कृति और पहाड़ी स्वाद को कभी नहीं भूलता।
पहाड़ के युवाओं में पहाड़ों को आगे बढ़ाने की जो रुचि है वह वाकई देखने लायक है। देवभूमि के युवा लगातार पहाड़ की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। युवा भले ही गांव से शहरों की तरफ आ गए हों। लेकिन वह पहाड़ी रहन-सहन को नहीं भूले। शहर में रहने वाले लोग भी पहाड़ी रहन-सहन को अपना रहे हैं।
जिस प्रकार से हर कोई मानता है कि उत्तराखंड हमेशा से पर्यटक हो को खींचने में कामयाब रहा है। अब इन पर्यटकों के लिए ही उत्तराखंड के युवा नए-नए प्रयास कर रहे हैं। ऐसे प्रयास जिनसे पर्यटकों के साथ-साथ पहाड़ों को भी फायदा हो रहा है। हल्द्वानी में कई युवा इस तरफ काम कर रहे हैं।
बता दें कि बीते कुछ समय में हल्द्वानी में पहाड़ी खाने को आगे बढ़ाने के लिए कई तरह के रेस्टोरेंट खुले हैं। इसी लिस्ट में अब पहाड़ी खाना रेस्टोरेंट का नाम भी जुड़ गया है। हल्द्वानी के मुखानी में पहाड़ी खाना रेस्टोरेंट की शुरुआत हुई है। जहां पर भट्ट के डुबके, भांग की चटनी, मडुवे की रोटी से लेकर तमाम पहाड़ी व्यंजन उपलब्ध हैं।
पहाड़ी खाना रेस्टोरेंट को शुरू करने वाले राहुल राज बताते हैं कि सिर्फ स्थानीय ही नहीं बल्कि बाहर के लोग भी पहाड़ी जायके को चखना चाहते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पहाड़ी खाना सेहत के लिए एक वरदान जैसा होता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी व्यंजन दूसरे शहरों में भी परोसे जा रहे हैं।
इसलिए अब युवाओं को अपने राज्य में रहकर भी यह काम आगे करना चाहिए। गौरतलब है कि उत्तराखंड के लोग पहाड़ी व्यंजनों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा प्रयास कर रहे हैं। देवभूमि के युवा ना सिर्फ आत्मनिर्भर बनने के तरीके खोज रहे हैं बल्कि उत्तराखंडियत को आगे बढ़ाने का भी काम बखूबी कर रहे है।